संघ के प्रदेशीय मंत्री डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि यह शिक्षा संहिता की धारा 86 (1) और 87 का उल्लंघन है, जबकि विद्यालय का समय एक अप्रैल से 30 सितंबर तक सुबह 7:30 से 12:30 तक और एक अक्तूबर से 31 मार्च तक सुबह 8:50 से 2:50 बजे तक निर्धारित है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों के आधे से अधिक पद रिक्त हैं और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की संख्या नगण्य है। ऐसी स्थिति में स्कूलों को रोजाना साढ़े आठ घंटे संचालित करना बेहद कठिन है।
उन्होंने बताया कि संघ के अध्यक्ष हेम सिंह पुंडीर, महामंत्री इंद्रासन सिंह और कोषाध्यक्ष सुभाष चंद्र शर्मा ने पत्र जारी कर नए समय का विरोध करने का निर्णय लिया है। संगठन ने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से मांग की है कि शिक्षण कार्य के लिए निर्धारित समयावधि पर दोबारा विचार किया जाए। शिक्षा संहिता के अनुरूप पठन-पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।