माध्यमिक शिक्षा परिषद ने आपदा में खोजे नए तरीके, जानिए

प्रयागराज : कोविड-19 ने हर किसी के सामने चुनौती पेश की। इससे शिक्षा क्षेत्र भी बच नहीं सका। शहरी क्षेत्र में स्थित सीबीएसई, आइसीएसई बोर्ड के स्कूलों के छात्र-छात्रओं के संदर्भ में माना जाता है कि वह तकनीकी रूप से दक्ष होते हैं, जिससे उनका पठन-पाठन चलता रहा। असल चुनौती तो खड़ी हुई गांव-देहात में स्थित माध्यमिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में, जहां इन स्कूलों में पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्रओं को इस असाधारण स्थिति में भविष्य सुरक्षित रखने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद नई राह पर चला। वचरुअल कक्षाएं शुरू कराईं। एप आदि माध्यमों से अध्ययन-अध्यापन कराया।


शनिवार को यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट और हाईस्कूल का परिणाम जारी करते समय माध्यमिक शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय की ओर जारी ब्री¨फग में इसका प्राथमिकता पर उल्लेख किया गया है। कहा गया है कि कोविड-19 के कारण शिक्षण कार्य बाधित होने के बावजूद पढ़ाई रुकने नहीं दी गई। नए तरीके खोजे गए। छात्र-छात्रओं को पढ़ाने के लिए वचरुअल क्लासेस की व्यवस्था दूरदर्शन के स्वयंप्रभा चैनल ई-विद्या-9, ई-विद्या-11, दीक्षा एप, विभागीय यूट्यूब चैनल एवं ई-पाठशाला आदि माध्यमों से गई। इसके अलावा प्रधानाचार्यो, शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाकर वचरुअल माध्यम से पठन-पाठन कराया गया। विपरीत हालात में शिक्षण कार्य प्रभावित होने पर शैक्षिक पाठ्यक्रम में 30 फीसद की कटौती का भी निर्णय किया गया, ताकि पाठ्यक्रम पूरा कराकर सत्र नियमित रखा जा सके। छात्र-छात्रओं के भविष्य को ध्यान में रखते हुए स्थितियां कुछ अनुकूल होने पर 19 अक्टूबर 2020 से विद्यालय खोले भी गए। इसी कड़ी में पढ़ाई का आंकलन करने के लिए प्री-बोर्ड परीक्षा कराए जाने का भी निर्णय लिया गया। इन प्रयासों ने स्कूल-कालेज बंद होने के बाद भी पढ़ाई का क्रम थमने नहीं दिया।