दिल्ली में सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़ा कर भर्ती कराने वाले गैंग सक्रिय हैं। वह परीक्षा में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए किए गए इंतजामों को धत्ता बताकर उम्मीदवारों की भर्ती कराने में सफल भी हो रहे हैं। चाहे फिजिकल टेस्ट हो या लिखित परीक्षा वे इनमें डमी उम्मीदवार बिठाकर इसे अंजाम दे रहे हैं। कई ऐसे मामले पकड़े जाने के बाद यह बात सामने आई है।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस में चल रही सिपाही भर्ती के फिजिकल टेस्ट के दौरान 7 अगस्त को दो युवकों को दूसरे की जगह टेस्ट देते हुए पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पिछले डेढ़ महीने में सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले ऐसे डमी उम्मीदवारों के खिलाफ 15 से ज्यादा केस दर्ज किए गए है। वहीं, पिछले छह महीने के दौरान विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर दिल्ली में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 25 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं।
-इस दौरान 10 से 15 सॉल्वर के फोटो से उम्मीदवार का चेहरा मिलाया जाता है। जिससे आवेदक का चेहरा सबसे अधिक मिलता है उसी आवेदक को उसकी जगह परीक्षा देने के लिए भेजा जाता है
-सॉल्वर की फोटो को आवेदक की फोटो से मैच करने के लिए फोटो ब्लेडर एप का इस्तेमाल किया जाता था। एप पर बाल और आंख आदि का मिलान करते हुए चेहरे का ज्यादातर हिस्सा मिक्स किया जाता है
-इस एप के माध्यम से तैयार तस्वीर प्रवेश पत्र पर लगाया जाता है। फर्जी दस्तावेजों के सहारे सॉल्वर परीक्षा देने के लिए जाता है।
-पूछताछ में सामने आया कि ज्यादातर परीक्षाओं में आईडी के तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस लगाए जाते थे। इसी फोटो के आधार पर फर्जी डीएल और अन्य दस्तावेज बनवाए जाते थे।
-आवेदक के नाम और सॉल्वर के चेहरे को मिलाकर फर्जी डीएल बनाया जाता था, जिससे आवेदक के नाम पर सॉल्वर को आसानी से परीक्षा दे सके।
2- परीक्षा केन्द्र में मोबाइल को प्रतिबंध किया गया।
3- परीक्षा केन्द्रों पर उम्मीदवार के दस्तावेजों को भेजना अनिवार्य किया गया।
4- उम्मीदवार के दस्तावेज में आधार अनिवार्य किया गया गया।
5- बायोमैट्रिक व आई ट्रेसिंग को अनिवार्य किया गया।
2- मोबाइल के बदले ब्लूटूथ व अन्य छोटी डिवाइस का इस्तेमाल
3- फार्म के साथ लगाए गए पहचान संबंधित दस्तावेजों के नकली दस्तावेज तैयार करना
4- असली आधार पर फोटो बदल कर फर्जीवाड़ा करना
5- उम्मीदवारों की मांग पर पेपर लीक करना
-जो उम्मीदवार पकड़े गए हैं उनमें वे शामिल हैं, जिनके दस्तावेजों को देखकर अधिकारियों को शक हुआ या फिर वह परीक्षा देते समय नकल करते पकड़े गए
-आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गैंग के लोग एक ही साथ कई सेंटरों पर चल रही परीक्षाओं में बैठे होते हैं। पूरे देश में ऐसे फर्जी उम्मीदवारों की संख्या सैंकड़ों में होती है। ज्यादातर परीक्षा देने में सफल भी हो जाते हैं।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली पुलिस में चल रही सिपाही भर्ती के फिजिकल टेस्ट के दौरान 7 अगस्त को दो युवकों को दूसरे की जगह टेस्ट देते हुए पकड़ा गया। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पिछले डेढ़ महीने में सिपाही भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले ऐसे डमी उम्मीदवारों के खिलाफ 15 से ज्यादा केस दर्ज किए गए है। वहीं, पिछले छह महीने के दौरान विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर दिल्ली में 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही 25 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं।
यूं करते हैं फर्जीवाड़ा
-पुलिस अधिकारी ने बताया कि पूछताछ में पता चला है कि गैंग पहले परीक्षा में जाने वाले सॉल्वर (डमी उम्मीदवार) और आवेदक का चेहरा मिलाया जाता है।-इस दौरान 10 से 15 सॉल्वर के फोटो से उम्मीदवार का चेहरा मिलाया जाता है। जिससे आवेदक का चेहरा सबसे अधिक मिलता है उसी आवेदक को उसकी जगह परीक्षा देने के लिए भेजा जाता है
-सॉल्वर की फोटो को आवेदक की फोटो से मैच करने के लिए फोटो ब्लेडर एप का इस्तेमाल किया जाता था। एप पर बाल और आंख आदि का मिलान करते हुए चेहरे का ज्यादातर हिस्सा मिक्स किया जाता है
-इस एप के माध्यम से तैयार तस्वीर प्रवेश पत्र पर लगाया जाता है। फर्जी दस्तावेजों के सहारे सॉल्वर परीक्षा देने के लिए जाता है।
-पूछताछ में सामने आया कि ज्यादातर परीक्षाओं में आईडी के तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस लगाए जाते थे। इसी फोटो के आधार पर फर्जी डीएल और अन्य दस्तावेज बनवाए जाते थे।
-आवेदक के नाम और सॉल्वर के चेहरे को मिलाकर फर्जी डीएल बनाया जाता था, जिससे आवेदक के नाम पर सॉल्वर को आसानी से परीक्षा दे सके।
फर्जीवाडा रोकने के लिए उठाए गए कदम:
1- दस्तावेजों को ऑनलाइन किया गया।2- परीक्षा केन्द्र में मोबाइल को प्रतिबंध किया गया।
3- परीक्षा केन्द्रों पर उम्मीदवार के दस्तावेजों को भेजना अनिवार्य किया गया।
4- उम्मीदवार के दस्तावेज में आधार अनिवार्य किया गया गया।
5- बायोमैट्रिक व आई ट्रेसिंग को अनिवार्य किया गया।
आरोपियों द्वारा अपनाए जा रहे तरीके
1- ऑनलाइन किए गए दस्तावेजों में लगाए फोटो को विभिन्न ऐप के जरिए एक सा बनाना2- मोबाइल के बदले ब्लूटूथ व अन्य छोटी डिवाइस का इस्तेमाल
3- फार्म के साथ लगाए गए पहचान संबंधित दस्तावेजों के नकली दस्तावेज तैयार करना
4- असली आधार पर फोटो बदल कर फर्जीवाड़ा करना
5- उम्मीदवारों की मांग पर पेपर लीक करना
आसानी से पकड़ में नहीं आते
पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में सामने आया है कि आरोपियों के पास से जो दस्तावेज बरामद किए गए वह परीक्षा देने वाले असली उम्मीदवार से इतने मिलते थे कि शुरुआती जांच के बाद आरोपियों को पकड़ पाना बेहद मुश्किल है।-जो उम्मीदवार पकड़े गए हैं उनमें वे शामिल हैं, जिनके दस्तावेजों को देखकर अधिकारियों को शक हुआ या फिर वह परीक्षा देते समय नकल करते पकड़े गए
-आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि गैंग के लोग एक ही साथ कई सेंटरों पर चल रही परीक्षाओं में बैठे होते हैं। पूरे देश में ऐसे फर्जी उम्मीदवारों की संख्या सैंकड़ों में होती है। ज्यादातर परीक्षा देने में सफल भी हो जाते हैं।