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10 वीं और 12 वीं के प्राइवेट छात्रों को ऑनलाइन भरना होगा फार्म, सामूहिक नकल वाले स्‍कूलों को नहीं बनाया जाएगा केंद्र

यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा में व्यक्तिगत परीक्षार्थियों का पंजीकरण ऑनलाइन होगा। केवल राजकीय विद्यालयों को ही अग्रसारण केंद्र बनाया जाएगा। एक केंद्र से हाईस्कूल के 600 और इंटरमीडिएट के 400 कुल 1000 की अधिकतम सीमा तक ही पंजीकरण/अग्रसारण किया जाएगा। व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के पंजीकरण/अग्रसारण नीति जारी कर दी गई है।


पंजीकरण कराने के लिए आवेदन पत्र का ऑनलाइन प्रारूप यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध है। जिन सरकारी विद्यालयों में पिछले वर्षों की परीक्षाओं में सामूहिक नकल होने या अन्य अनियमितताओं की शिकायत रही हो या परिषद द्वारा पंजीकरण केंद्र बनाए जाने से वंचित किया गया हो उन्हें अग्रसारण केंद्र नहीं बनाया जाएगा। जिला मुख्यालय पर लड़के-लड़कियों के लिए अलग-अलग पंजीकरण केंद्र बनाए जाएंगे।

हर पंजीकरण /अग्रसारण केंद्र से निर्धारित सीमा तक व्यक्तिगत परीक्षार्थियों के आवेदन पत्र ऑनलाइन अग्रसारित किए जाएंगे यदि कहीं से निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन पत्र आएंगे तो उनके विरुद्ध प्रशासनिक व विधिक कार्रवाई की जाएगी। कोई भी परीक्षार्थी सीधे बोर्ड को अपना आवेदन पत्र नहीं दे सकता है।

प्रदेश के बाहर के विद्यार्थी विदेशी नागरिकों और अन्य राज्यों से आए हुए परीक्षाथियों के पंजीकरण की व्यवस्था केवल जिला मुख्यालय स्थित राजकीय विद्यालयों में ही होगी। ऐसे लोगों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति तभी दी जाएगी जब वह प्रदेश में 2 वर्ष निवास करने का प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ देंगे। यह नियम फेल परीक्षार्थियों या कश्मीरी विस्थापितों पर लागू नहीं होगा।

UP Board के कोर्स को तीन हिस्सों में विभाजित करके पढ़ाया जाएगा, 32 सप्ताह में पूरा होगा कोर्स

कोविड-19 के दौर ने बहुत क्षति पहुंचाई तो नए ढंग से कामकाज करने और पढ़ाई के तौर तरीके भी बदलने का काम किया। इससे यूपी बोर्ड भी अछूता नहीं रहा। सबक लेते हुए यूपी बोर्ड अध्ययन-अध्यापन का तरीका बदल रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम (विषय) समिति की कार्यशाला आयोजित कर शोध विशेषज्ञों को पाठ्यक्रम तीन हिस्सों में तैयार करने के सुझाव दिए। पाठ्यक्रम विभाजन इस तरह हो कि विद्यार्थी स्कूल में तो पढ़ें ही, घर पर भी खुद पढ़कर समझ सकेंऔर प्रोजेक्ट के माध्यम से भी अध्ययन कर जीवन कौशल भी सीखें। पाठ्यक्रम को इसी तीन स्तर पर विभाजित कर 32 सप्ताह में पूरा कराया जाएगा।
यूपी बोर्ड सभागार में बुधवार को पाठ्यक्रम समिति के शोध विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने पढ़ाई के तरीके बदलने को विवश किया है। ऐसे में कोर्स को इस तरह तीन हिस्सों में विभाजित करके पढ़ाया जाना है कि शिक्षण कार्य किसी भी स्थिति में बाधित न हो। इसके लिए तय करना है कि पाठ्यक्रम को कम करने के बाद किस तरह तीन हिस्सों में विभाजित किया जाए। कोरोना संक्रमण काल में प्रयोगों का स्मरण कराया और कहा कि उसी पैटर्न पर यूपी बोर्ड को अब आगे बढ़ना है। बोर्ड मुख्यालय के उप सचिव सुधीर कुमार ने कहा कि पाठ्यक्रम में पहला हिस्सा वह होगा, जिसे विद्यालयों में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। दूसरे हिस्से में कोर्स ऐसा होगा कि विद्यार्थी घर पर पढ़कर समझ सकें, उसके लिए क्लास की आवश्यकता नहीं होगी। तीसरा हिस्सा आनलाइन पढ़ाई के इर्दगिर्द होगा, जिसमें विद्यार्थी प्रोजेक्ट, वीडियो व एप के माध्यम से पढ़ाई कर सकेंगे। सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति की मंशा है कि पढ़ाई में व्यावसायिक पहलू प्रमुखता से हो, ताकि विद्यार्थी जीवन कौशल भी जानें। अपर सचिव (शोध) यूपी बोर्ड अशोक गुप्ता ने भी पाठ्यक्रम को लेकर जरूरी सुझाव दिए। पाठ्यक्रम निर्धारण को माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभापति की मंजूरी मिलने के बाद लागू कर दिया जाएगा।

यूपी बोर्ड: हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में एडमीशन लेने वाले छात्रों के लिए महत्वपूर्ण खबर

यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट वर्ष 2022 के प्राइवेट छात्रों के लिए नगर में सात केंद्र बनाए गए हैं। छात्र यहां से फॉर्म लेकर यहीं जमा कर सकते हैं। विदेशी, दूसरे राज्यों व अन्य बोर्ड के छात्र जीजीआईसी, चुन्नीगंज से फॉर्म भर सकते हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक सतीश कुमार तिवारी ने बताया कि प्राइवेट फॉर्म भरने के लिए सभी तहसीलों में एक-एक सेंटर बनाया गया है। हर सेंटर पर हाईस्कूल के अधिकतम 600 और इंटरमीडिएट के 400 फॉर्म भरवाए जा सकते हैं।

शहर में केंद्र

शहरी क्षेत्र में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, चुन्नीगंज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सिंहपुर, कानपुर नगर, सदर में राजकीय इंटर कॉलेज भौंती, राजकीय इंटर कॉलेज बिधनू, घाटमपुर तहसील में राजकीय इंटर कॉलेज घाटमपुर, नर्वल में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज नरवल और बिल्हौर में राजकीय उच्चतर विद्यालय, अलियापुर।

अतिरिक्त फीस ली तो एक्शन : डीआईओएस ने बताया कि किसी भी सेंटर पर निर्धारित शुल्क के अतिरिक्त यदि कोई शुल्क लिया जाता है तो उसकी शिकायत करें। एक्शन लिया जाएगा।

यूपी बोर्ड : 12वीं के बाद प्रवेश के लिए भटक रहे 49 हजार छात्र

बिना परीक्षा प्रमोट हुए करीब 49 हजार छात्र उच्च कक्षाओं में प्रवेश के लिए परेशान हैं। मार्कशीट में अंक अंकित नहीं है और सिर्फ प्रमोटेड लिखा हुआ है। इसके खिलाफ बोर्ड कार्यालय से कलक्ट्रेट तक प्रदर्शन जारी है। मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय से ऐसे छात्र-छात्राओं की संख्या 49 हजार के करीब है।


केस नंबर एक
खालसा गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्रा महक ने बताया कि विवि के कॉलेज में अभी प्रवेश नहीं है और प्राइवेट कॉलेज व इंस्टीट्यूट में जल्द प्रवेश शुरू होने वाले हैं। इससे समय खराब हो रहा है।

केस नंबर दो
केके इंटर कालेज के छात्र अंकित वर्मा ने बताया कि अंक सुधार के लिए जगह-जगह चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने बताया कि केवल एक प्री बोर्ड में बुखार था और वह पेपर नहीं दे पाए। उनकी मार्कशीट में प्रमोटेड आ गया। प्रवेश के लिए इंस्टीट्यूट पहुंचे तो वापस कर दिया गया।

केस नंबर तीन
फैज-ए-आम इंटर कॉलेज के समीर के मुताबिक, रिजल्ट पर प्रमोटेड लिखा है। प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन का प्रयास कर रहा हूं लेकिन वहां कह दिया गया कि पहले अंक वाले छात्रों को मौका देंगे, बाद में प्रमोटेड पर विचार करेंगे।

यूपी बोर्ड: अंक से असंतुष्ट हाईस्कूल और इंटर मीडिएट के विद्यार्थी अंक सुधार के लिए 18 सितंबर से परीक्षा

प्रयागराज : यूपी बोर्ड-2021 में बिना परीक्षा के प्रोन्नत किए जाने पर मिले अंक से असंतुष्ट हाईस्कूल और इंटर मीडिएट के विद्यार्थी अंक सुधार के लिए 18 सितंबर से परीक्षा देंगे। इस परीक्षा में शामिल होने के लिए कुल 79,286 विद्यार्थियों ने आवेदन फार्म भरे हैं। इसमें हाईस्कूल के 37,931 और इंटरमीडिएट के 41,355 परीक्षार्थी शामिल हैं। छह अक्टूबर तक चलने वाली परीक्षा दो पालियों में होगी। इस परीक्षा में मिले अंक ही अंतिम रूप से मान्य होंगे। प्रोन्नत किए जाने पर मिले अंक अमान्य हो जाएंगे। यानी कि इस अंक सुधार परीक्षा में फेल होने पर परीक्षार्थी फेल माने जाएंगे।


कोरोना संक्रमण के चलते यूपी बोर्ड ने 2021 की बोर्ड परीक्षा नहीं कराई थी। ऐसे में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 56 लाख से अधिक विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने की योजना बनाई गई। प्रोन्नत करने के लिए पूर्व में कक्षावार मिले अंकों के तय प्रतिशत के आधार पर अंक प्रदान कर 31 जुलाई को हाईस्कूल व इंटर का परिणाम घोषित किया गया था। उस समय कहा गया था कि जो विद्यार्थी अंक से असंतुष्ट हैं, वह अंक सुधार के लिए अगली बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। उनका परीक्षाफल 2021 ही माना जाएगा। ऐसे में हजारों छात्र-छात्रओं ने मिले अंकों पर आपत्ति जताई। अंक सुधार के लिए यूपी बोर्ड में आवेदन किया।

इस बीच यूपी बोर्ड ने अंक सुधार के लिए परीक्षा कराने की अलग से तिथि घोषित कर दी। इसके लिए इच्छुक विद्यार्थियों से बिना शुल्क के आवेदन फार्म भरने को कहा और अंतिम तिथि 27 अगस्त तय कर दी। यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर 29 अगस्त तक परीक्षार्थियों के आवेदन फार्म अपलोड करने की समय सीमा तय की थी। यूपी बोर्ड के सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने बताया कि अंतिम तिथि तक 29,286 छात्रओं ने अंक सुधार परीक्षा में शामिल होने के लिए आवेदन फार्म भरा है। हाईस्कूल की परीक्षा 12 कार्यदिवस में और इंटरमीडिएट की परीक्षा 15 दिनों में पूरी कराई जाएगी।