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डीएलएड कि तिथी बढ़ाए जाने के बावजूद भी सीटें नहीं भरीं, करीब 47,000 सीटें खाली रह गई

प्रयागराज : वजहें कुछ भी हों, लेकिन हकीकत यह है कि तिथि बढ़ाए जाने के बावजूद डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन (डीएलएड) की सीटें नहीं भरीं। करीब 47,000 सीटें खाली रह गई हैं। यह स्थिति तब है, जब पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आवेदन ही नहीं लिए गए थे। इस कारण उम्मीद थी कि इस बार आवेदन अधिक आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी (पीएनपी) सचिव ने सीटें भरने के प्रयास में आवेदन करने की तिथि एक बार और बढ़ाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा है। उम्मीद है कि तिथि बढ़ जाने पर सीटों के सापेक्ष आवेदन प्राप्त हो सकेंगे।
प्रदेश में डीएलएड की 2,42,200 सीटे हैं। दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सीटों के मुताबिक विद्यार्थी पिछले कुछ वर्षो से नहीं मिल रहे हैं। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के चलते प्रवेश नहीं लिया गया। उसके पहले वर्ष 2019 के सत्र में 69,515 सीटें खाली रह गई थीं, जबकि वर्ष 2018 में 76,929 सीटें रिक्त रह गई थीं। अंतिम तिथि अगस्त के दूसरे सप्ताह तक सीटों के सापेक्ष आवेदन न आने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय उपाध्याय ने तिथि बढ़ाकर 30 अगस्त कर दी। लेकिन इतने नहीं कि सभी आवेदकों को प्रवेश देकर भी सीटें भरी जा सकें। अगर सभी आवेदकों को प्रवेश दे भी दिया जाए।

डीएलएड 2019 बैच के 72 हजार प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में फंसा, आवश्यक दिशा-निर्देश देखे

डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) 2019 बैच के 72 हजार प्रशिक्षुओं का भविष्य अंधकार में है। द्वितीय सेमेस्टर के परिणाम में सफल लगभग 96 हजार अभ्यर्थियों को तो सरकार ने तृतीय सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया है। लेकिन द्वितीय सेमेस्टर में फेल तकरीबन 72 हजार प्रशिक्षुओं को कोर्स पूरा करने में कम से कम छह महीने का समय और लगने का अनुमान है।


2019 बैच का सत्र 6 अगस्त 19 न को शुरू हुआ था। कोरोना की पहली लहर में लिखित परीक्षा नहीं होने से प्रदेश सरकार ने इन प्रशिक्षुओं को दूसरे 5 सेमेस्टर में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया था। दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं 30 अक्टूबर से 11 नवंबर 2020 तक कराई गई थी, जिसमें पंजीकृत 172738 प्रशिक्षुओं में से 169812 शामिल हुए।

इनमें से 95934 प्रशिक्षु पास थे और 71668 फेल हो गए। सफल अभ्यर्थियों को सरकार ने तृतीय सेमेस्टर में प्रमोट कर दिया और अब वे सीधे चौथे सेमेस्टर की परीक्षा देंगे जबकि फेल प्रशिक्षुओं को फिर दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा देनी होगी। नियामक प्राधिकारी कार्यालय सितंबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में दूसरे और चौथे सेमेस्टर की परीक्षा कराने की तैयारी में है। परीक्षा के एक- दो महीने बाद परिणाम घोषित होगा ।

दूसरे सेमेस्टर में सफल प्रशिक्षुओं को वर्तमान नीति के अनुसार प्रमोट किया जाता है तो फिर चौथे सेमेस्टर में शामिल होने का मौका मिलेगा। फिर परीक्षा व परिणाम में तीन महीने और लगेंगे ये स्थिति तब है जबकि उनकी दो साल की प्रशिक्षण अवधि 6 अगस्त को ही पूरी हो चुकी है।

फेल प्रशिक्षुओं ने प्रमोट करने को किया प्रदर्शन

दूसरे सेमेस्टर में फेल 2019 बैच के प्रशिक्षुओं ने प्रमोट करने की मांग लेकर गुरुवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया। सचिव संजय उपाध्याय की गाडी रोककर अपनी मांग पर अड़े रहे नीरज सिंह ने बताया कि अगर मांग पूरी नहीं होती है तो जल्द एससीईआरटी लखनऊ का बड़े स्तर पर घेराव करेंगे। प्रशांत, अविनाश, सुधीर, नवनीत, रंजीत, प्रखर, निशा, मंजिली, वैशाली आदि रहे।

डीएलएड के फ्रेश और बैक प्रशिक्षुओं को प्रमोट करने को लेकर परीक्षा नियामक सचिव की कार रोक के की मांग

प्रयागराज: डिप्लोमा इन फिजिकल एजूकेशन (डीएलएड) के फ्रेश प्रशिक्षुओं को प्रमोट करने और बैक प्रशिक्षुओं को प्रमोट न करने से परेशान प्रशिक्षुओं ने गुरुवार को परीक्षा नियामक कार्यालय के गेट पर प्रदर्शन किया। परीक्षा नियामक सचिव की कार रोक मांग की कि प्रमोट करके अगले सेमेस्टर की परीक्षा में बैठने दिया जाए। 

2017 बैच के प्रशिक्षु लीडर विनोद पटेल का कहना है कि 2019 बैच को अगर प्रमोट किया गया तो एक या दो सब्जेक्ट में बैक प्रशिक्षुओं का भी पेपर कराने के बाद प्रमोट प्रशिक्षुओं के साथ-साथ चतुर्थ का भी पेपर करा लिया जाए और तृतीय सेमेस्टर वालों को प्रमोट कर दिया जाए। सचिव परीक्षा नियामक संजय उपाध्याय ने बताया कि बैक पेपर की परीक्षा सितंबर में कराई जाएगी।

बीटीसी/डीएलएड के के प्रशिक्षुओं ने पास होने के लिए दो मौके देने के बाद एक और अवसर मांगा

प्रयागराज: बीटीसी/डीएलएड के 2015, 2017, 2018 बैच के प्रशिक्षुओं ने पास होने के लिए दो मौके देने के बाद एक और अवसर मांगा। बुधवार को परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव को संबोधित ज्ञापन देकर सितंबर में प्रस्तावित परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मांगी है।


 नियमानुसार डीएलएड प्रशिक्षण के दौरान सेमेस्टर में अनुत्तीर्ण होने पर दो मौके के बाद भी सफल न होने पर अर्हता समाप्त कर दी जाती है, जिससे उसे प्रशिक्षण छोड़ना पड़ता है। डीएलएड प्रशिक्षु मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रजत सिंह का कहना है कि ऐसी स्थिति में प्रशिक्षु के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। उन्होंने प्रदेश सचिव सुनील यादव, प्रिया मिश्र, सबा बेगम, पूजा मौर्य, शिखा यादव, अजरुन, आकाश शुक्ल आदि के साथ परीक्षा नियामक कार्यालय में ज्ञापन दिया। परीक्षा नियामक के सचिव संजय उपाध्याय का कहना है नियमानुसार दो मौके दिए जा चुके हैं। अन्य की परीक्षाएं प्रस्तावित तिथि पर कराई जाएंगी।


प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की प्रशिक्षण परीक्षा डीएलएड में प्रशिक्षुओं को किया जाएगा प्रमोट

प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने की प्रशिक्षण परीक्षा डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन) में प्रशिक्षुओं को फिर प्रमोट किया जाएगा। शासन ने डीएलएड 2019 तृतीय सेमेस्टर के प्रशिक्षुओं को प्रोन्नति देने का आदेश दिया है। इसका लाभ करीब 95 हजार से अधिक को मिलेगा। उनकी चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा होगी, जिसमें मिले अंकों का औसत तृतीय सेमेस्टर में दिया जाएगा। इस सेमेस्टर में लगभग 70 हजार प्रशिक्षु फेल हो गए थे। उनकी बैक पेपर परीक्षा जल्द होगी।