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शिक्षक ने सवालों के जवाब नहीं देने पर छात्रा को डंडे से पीटने से हुई मौत

उन्नाव: स्कूल के शिक्षक ने सवालों के जवाब नहीं देने पर छात्रा को डंडे से पीट दिया। जिला अस्पताल में इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई। परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड के सामने हंगामा किया और शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की।
 
उन्नाव जिले में माखी थानाक्षेत्र के गांव चकपरेंदा निवासी कक्षा आठ की छात्रा की जिला अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि शुक्रवार को स्कूल के शिक्षक ने सवालों के जवाब नहीं देने पर उसे डंडे से पीटा था।


शनिवार को हालत बिगड़ने पर उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों ने कार्रवाई की मांग करते हुए हंगामा किया। माखी थानाक्षेत्र के चकपरेंदा गांव निवासी रमेश यादव की 14 वर्षीय बेटी शिवानी क्षेत्र के एक विद्यालय में कक्षा 8 की छात्रा थी।

उसके भाई सुनील के अनुसार शुक्रवार को वह स्कूल गई थी। जहां कुछ सवालों के जवाब नहीं दे पाने पर एक शिक्षक ने उसे डंडे से बुरी तरह पीटा। घर पहुंचकर उसने आपबीती बताई थी। शनिवार सुबह उसकी हालत बिगड़ गई। एक निजी चिकित्सक से इलाज कराया, फायदा नहीं होने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

इलाज के दौरान रविवार की रात करीब नौ बजे उसकी मौत हो गई। परिजनों ने इमरजेंसी वार्ड के सामने हंगामा किया और शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की। जिला अस्पताल चौकी प्रभारी लाखन सिंह द्वारा कार्रवाई का आश्वासन देने पर परिजन शांत हुए। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों व दूसरे के नाम पर नौकरी की और चार करोड़ से अधिक का वेतन भी हड़प लिये

गोंडा। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों व दूसरे के नाम पर नौकरी की और चार करोड़ से अधिक का वेतन भी हड़प लिये। जांच में खुलासा होने के बाद 56 शिक्षकों को सेवा से बर्खास्त किया गया और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।


अब तक चार करोड़ से अधिक का वेतन इन शिक्षकों ने हड़प लिए हैं अभी तक विभाग इनसे वेतन की वसूली नही कर सका है। शिक्षक पद से बर्खास्त किये जा चुके लोगों की पहचान न होने से वसूली होने में दिक्कत बताई जा रही है।

फर्जीवाड़े को लेकर बेसिक शिक्षा विभाग इस समय सुर्खियों में है। जिले में वर्ष 2015 से अब तक करीब 56 शिक्षकों के मामले सामने आ चुके हैं। इसमें चार शिक्षक वर्ष 1998 से ही सहायक अध्यापक की नौकरी कर रहे थे।

इनमें दिनेश कुुमार शर्मा, सुरेंद्र प्रसाद, नर्वदाचंद्र और कृष्णचंद्र 20 साल में करोड़ों रुपये वेतन ले चुके हैं। इसी तरह वर्ष 2010 में भी राम लल्लन ने फर्जी अभिलेख के सहारे शिक्षक की नौकरी हथिया ली। अन्य शिक्षक ऐसे हैं जो विभिन्न शिक्षक भर्तियों वर्ष 2015 से अब तक नौकरी में आए और वेतन लिया।

इन सभी के अभिलेखों का सत्यापन हुआ तो गड़बड़ी सामने आ गई और बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। इनके मामलों की जांच पुलिस कर रही है लेकिन अभी गिरफ्तारी एक दो मामलों में ही हो सकी है। सही व्यक्ति की पहचान न हो पाने से विभाग ने भी इनसे वेतन की रिकवरी कर पा रहा है।

वर्ष 1998 में बेसिक शिक्षा में एक सहायक अध्यापक दूसरे के अभिलेेख पर नौकरी हथियाई और प्रोन्नति का लाभ लेकर प्रधानाध्यापक तक बन गया। इसमें दिनेश कुुमार शर्मा, नर्वदा चंद्र, कृष्ण चंद्र, सहायक अध्यापक सुरेंद्र प्रसाद शामिल रहे और 20 सालों तक विभाग में नौकरी की।

इसी तरह राम लल्लन वर्ष 2010 से तो पूजा कुमारी वर्ष 2016 से लंबे समय से नौकरी में रहीं। इनसे अभी कोई रिकवरी नही हो पाई। इसमें दिनेश चंद्र के मामले में एक की गिरफ्तारी हुई है, इसके अलावा अभी तक गिरफ्तारी नही हो सकी है। इससे वसूली में भी दिक्कत हो रही है। जिले में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने का सिलसिला कई सालों से जारी रहा।

खुलासा होने पर बीएसए ने सेवा से तो बर्खास्त कर दिया लेकिन पुलिस के शिकंजे में कोई नहीं आ सका है। इसमें शिक्षक दिनेश कुमार शर्मा के साथ ही श्रीराम यादव, राधेश्याम, अर्चना पांडे, राजू कुमार, उमा पटेल, राम विलास, चंद्रवीर सिंह, श्रीधर, चन्द्रकांत, दीपक वर्मा, चंदन यादव, संदीप कुमार वर्मा, सुबोध कुमार, मनोज कुमार, आशीष कुमार, सुक्रांत यादव, राघवेंद्र वर्मा, देवेश चंद्र वर्मा, शिव कुमार शर्मा, वैभव यादव, जितेंद्र साहू, रमेश कुमार यादव, अरविंद कुमार पाठक, राम लल्लन, चित्रवीर सिंह, वेदप्रकाश के विरुद्ध खंड शिक्षा अधिकारियों की तरफ से मुकदमा भी दर्ज कराया गया है।

अभी तक एक ही व्यक्ति की गिरफ्तारी हो सकी है। इसके अलावा शिक्षक नर्वादा चंद्र, सुनील सिंह, कृष्ण चंद, पूजा कुमारी, सुरेंद्र प्रसाद, सुशीला प्रजापति, निर्दोष कुमार यादव, राधेश्याम, उमेश कुमार दूबे, सीमा यादव, चित्रवीर सिंह, रीतू यादव, रुपारानी आदि से वसूली होनी है।

मा० शिक्षा को मिलेंगे 15500 और शिक्षक, 30 अक्टूबर से पहले नियुक्ति पत्र

माध्यमिक अशासकीय विद्यालयों में अब शिक्षकों की कमी काफी हद तक दूर हो गई है। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पिछले तीन सालों में करीब 15000 शिक्षकों की भर्ती की। वहीं 15500 और शिक्षकों के नियुक्ति की प्रक्रिया जारी है। इसके लिए वर्ष 2019 में विज्ञापन जारी हुआ था। लिखित परीक्षाएं कराई जा चुकी है। साक्षात्कार की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। बोर्ड 30 अक्टूबर से पहले सभी चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने का लक्ष्य रखा है।


आर्य महिला इंटर कालेज में रविवार को आयोजित प्रधानाचार्य सम्मान समारोह में ये बातें बतौर विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की सदस्य डा. हरेंद्र कुमार राय ने कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद का गठन धरना-प्रदर्शन करने के लिए नहीं किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार लाना है। साथ ही असुविधाओं, प्रधानाचार्यों की पीड़ा प उनकी समस्याओं का उचित मंच व माध्यम से समाधान कराना है। कहा कि माध्यमिक विद्यालयों में आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे पढ़ते हैं। इनके बौद्धिक विकास कर मुख्य धारा में ले आना माध्यमिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों का मुख्य कार्य है। ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलाजी (जीएनटीओ) के के तत्वाधान में आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक डा. विनोद कुमार राय ने कहा कि विद्यालय का परिवेश ठीक होगा, तो बच्चे भी ठीक होंगे। शिक्षक अनुशासित होंगे तो विद्यार्थी भी अनुशासित होंगे। हम अच्छे कार्य कर ही सम्मान हासिल कर सकते हैं। बच्चों उचित मार्गदर्शन करना हम सभी का दायित्व है। इस मौके पर वाराणसी मंडल, आजमगढ़ मंडल व मीरजापुर मंडल के करब 160 प्रधानाचार्यों को सम्मानित किया गया है।

समारोह का शुभारंभ जीएनटीओ के मैनेजर रुपेश राव व एडवाइजर उमेश कुमार सिंह द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण प्रारंभ हुआ। स्वागत कालेज के प्रबंधक सत्यनारायण पांडेय, संचालन महेंद्र सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य डा. प्रतिभा यादव ने किया। समारोह में मुख्य रूप से जीएनटीओ के सीईओ एसके सिंह, प्रधानाचार्य परिषद के अध्यक्ष चारु चन्द्र त्रिपाठी, चंद्रमणि सिंह, श्रीप्रकाश सिंह, जय प्रकाश पांडेय, डा. प्रतिभा यादव, सहित अन्य प्रधानाचार्य उपस्थित थे।

अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये सीधे भेजने के लिए खाता अपडेट करने की जिम्मेदारी गुरुजी कि, छूट रहे पसीने

बच्चों के अभिभावकों के खाते में 1056 रुपये सीधे भेजने के लिए खाता अपडेट करने की जिम्मेदारी शिक्षकों को दी गई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) फीडिंग में शिक्षकों के पसीने छूट रहे हैं। बच्चे के अभिभावक का खाता संख्या, आधार नंबर आदि पूरा ब्योरा ऑनलाइन फीड करने में परेशानी हो रही है।


इसके लिए स्कूल टाइमिंग के बाद भी काम करना पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में कंप्यूटर ऑपरेटर तैनात हैं, वहां फीडिंग सुविधाजनक तरीके से कराई जा सकती है। त्रुटि की आशंका भी न के बराबर होगी।

UP प्राथमिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35:1 (35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक)

लखनऊ। यूपी में बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 79,568 सहायक अध्यापक ज्यादा (सरप्लस) हैं। यह दावा किया है केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग उसने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश सरकार को सहायक अध्यापकों के पदों को सुव्यवस्थित करने और सभी स्कूलों में आवश्यक शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। Primary Ka Master,

रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख से अधिक स्कूलों में अभी 3.79 लाख से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं, एक लाख 40 हजार से अधिक शिक्षा मित्र भी सेवाएं दे रहे हैं। इस तरह स्कूलों में कुल 5 लाख 19 हजार शिक्षक शिक्षामित्र कार्यरत हैं। प्राथमिक विद्यालयों में छात्र शिक्षक अनुपात 30:1 (30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक) और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 35:1 (35 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक) है। परिषदीय विद्यालयों में करीब 1.76 करोड़ विद्यार्थी नामांकित हैं।

केंद्र सरकार का मानना है कि सहायक अध्यापकों और शिक्षा मित्रों की कुल संख्या और पंजीकृत विद्यार्थियों की कुल संख्या के हिसाब से प्रदेश में 79,568 सहायक अध्यापक सरप्लस हैं। हालांकि विभाग में सृजित पदों कीसंख्या के हिसाब से देखें तो सहायक अध्यापकों और प्रधानाचार्यों के करीब 1.26 लाख पद खाली हैं।

इधर तो भर्ती की तैयारी... Primary Ka Master,

प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में सहायक अध्यापक भर्ती के लिए राजस्व परिषद के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की है। कमेटी जिलावार रिक्त पदों का आकलन कर भर्ती के लिए रिपोर्ट देगी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद भर्ती पर निर्णय होगा।

गज़ब बेरोजगारी: संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति के एक-एक पद पर 40-40 दावेदार - Basic Shiksha News

बाराबंकी। अशासकीय सहायता प्राप्त संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति की जानी है। इसके लिए एक-एक पद पर 40-40 दावेदार हैं। जिनको साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। जहां पर गठित कमेटी अभ्यर्थियों की योग्यता का परीक्षण कर चयन करेगी। Basic Shiksha News,Primary Ka Master,

जिले में चार संस्कृत के माध्यमिक विद्यालय है। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने व शिक्षकों की कमी को दूर करने को लेकर इन विद्यालयों में शासन के आदेश पर संविदा पर एक-एक सहायक अध्यापकों को नियुक्त किया जाना है। इसके जिए सवा दो सौ अभ्यर्थियों ने आवेदन किया गया था। आवेदन पत्रों की जांच के बाद 160 सही पाए गए। जिसके बाद उन्हें साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। इसको लेकर मंडलीय उप शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की गई है। Basic Shiksha News,Primary Ka Master,

शिक्षक संघ ने डांस मामले में शिक्षिकाओं पर की गई कार्रवाई पर जताया विरोध

 राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ की ओर से शनिवार को जिलाधिकारी व बीएसए कार्यालय में ज्ञापन दिया गया। महासंघ के प्रदेश संयोजक मुकेश डागुर का कहना है कि कोरोना काल में बंद कमरे में शिक्षिकाओं ने फिल्मी गाने पर नृत्य किया था। इसे साथ की ही एक शिक्षिका ने रिकॉर्ड कर लिया था। वही वीडियो अब वायरल हो रहा है। इस पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जा रही हैं। शिक्षिकाएं तनाव में हैं। वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।




अछनेरा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय साधन की कक्षा में महिला शिक्षकों द्वारा डांस करने के मामले में राष्ट्रवादी शिक्षक महासंघ भी सक्रिय हो गया है। शनिवार को कार्रवाई के विरोध में प्रदेश संयोजक मुकेश डागुर के नेतृत्व में संगठन पदाधिकारी व पीड़ित महिला शिक्षक कलक्ट्रेट पहुंचीं और प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। मुकेश डागुर का कहना था कि कोरोना के दौरान मार्च में जब सिर्फ शिक्षकों को ही विद्यालय बुलाया जा रहा था और आनलाइन कक्षाएं चल रही थीं।


हरदोई: अनुदेशको तथा शिक्षामित्रों की उपस्थिति उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में आदेश जारी

अनुदेशको तथा शिक्षामित्रों की उपस्थिति उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में आदेश जारी, हरदोई

पुरानी शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों को नई भर्ती में शामिल किए जाने को लेकर शासन जल्द ही रिपोर्ट सौंपेंगी

प्रयागराज: बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में भर्ती के पदों को लेकर टेट और सीटेट पास डीएलएड प्रशिक्षितों ने लखनऊ में उच्चाधिकारियों से मुलाकात की। प्रशिक्षित अभ्यर्थी पुरानी भर्ती के रिक्त पदों को नई भर्ती में शामिल किए जाने को लेकर शासन का रुख जानना चाहते हैं, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी। उन्हें बताया गया कि पदों का आकलन करने के लिए गठित कमेटी दो बार बैठक कर चुकी है। जल्द ही रिपोर्ट सौंप देगी।

डीएलएड प्रशिक्षित अभ्यर्थी पंकज मिश्र के अनुसार लखनऊ में कुछ प्रतियोगी राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में मिले। इसके अलावा राजस्व परिषद में अध्यक्ष से भी मिलने पहुंचे, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में उप सचिव से मुलाकात की। जानकारी मिली कि छात्र-शिक्षक के अनुपात में रिक्तियों का आकलन करने के लिए राजस्त्र परिषद के प्रमुख की अगुवाई में गठित तीन सदस्यीय समिति की दो बैठकें हो चुकी हैं। जल्द ही रिपोर्ट आने की संभावना है।

रिक्तियों का ब्योरा बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल जुटा रहे हैं। यह भी बताया गया कि रिक्त पदों का विवरण आने के बाद कमेटी के प्रमुख सदस्य राजस्व परिषद के अध्यक्ष भर्ती के लिए बजट प्रबंधन देखेंगे।

बातचीत में यह बात स्पष्ट नहीं हो सकी कि 69000 भर्ती के शेष बचे 22000 पदों को नई भर्ती में जोड़ा जाएगा या नहीं। यह इसलिए भी स्पष्ट नहीं हो सका क्योंकि पदों के लिए अभी कोई अधियाचन एससीईआरटी को नहीं भेजा गया है।

कमेटी की रिपोर्ट के बाद ही पदों की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि भर्ती प्रक्रिया को लेकर शासन स्तर पर बातचीत चल रही है, लेकिन अभी इसके लिए कोई तिथि तय नहीं है।

पीजीटी के 12 विषयों की शनिवार को साक्षात्कार की तिथि भी घोषित

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) के 12 विषयों की लिखित परीक्षा का परिणाम जारी करने के अगले दिन यानी शनिवार को साक्षात्कार की तिथि भी घोषित कर दी। घोषित किए गए परीक्षा परिणाम में अंग्रेजी गणित, जीव विज्ञान, भौतिक विज्ञान, मनोविज्ञान, कला, गृहविज्ञान, संगीत (वादन), तर्कशास्त्र एवं सैन्य विज्ञान के सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार चयन बोर्ड कार्यालय में पांच से 14 अक्टूबर तक चलेंगे। संस्कृत एवं रसायन विज्ञान विषय के सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार 16 से 20 अक्टूबर के बीच होंगे।

चयन बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक नवल किशोर ने बताया कि जिन 12 विषयों की लिखित परीक्षा का परिणाम शुक्रवार की देर रात घोषित किया गया, उनमें 1,270 पद हैं। इन पदों पर साक्षात्कार के लिए 4, 780 अभ्यर्थी सफल घोषित किए गए हैं। इन अभ्यर्थियों के साक्षात्कार की तिथि और विषयवार सूची चयन बोर्ड की वेबसाइट पर प्रदर्शित कर दी गई है। साक्षात्कार में शामिल होने के लिए दिशा निर्देश भी इसी साइट पर दिए गए हैं। सफल अभ्यर्थी परीक्षा पोर्टल पर आनलाइन आवेदन में उल्लिखित अभिलेखों को पोर्टल पर अपलोड कर संस्था का विकल्प चयन कर साक्षात्कार पत्र डाउनलोड कर लें। उसमें यह स्पष्ट है कि किस विषय के किस अभ्यर्थी को किस तिथि पर किस बैच के साक्षात्कार में शामिल होना है।

सेवाकाल में मृत्यु पर शिक्षको के वारिस को ग्रेच्युटी का हक : हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सेवानिवृत्त होने से पहले ही मृत्यु पर अध्यापक के वारिसों को इस आधार पर ग्रेच्युटी देने से इन्कार नहीं किया जा सकता कि अध्यापक ने सेवानिवृत्ति विकल्प नहीं भरा था। यह आदेश न्यायमूíत यशवंत वर्मा ने सुशीला यादव, अभिषेक चंद्र सिन्हा व माया देवी की याचिकाओं पर दिया है।

कोर्ट ने कहा कि सेवा नियमावली के अनुसार तीन साल की सेवा करने वाले अध्यापक को प्राप्त अंतिम वेतन का छह गुना ग्रेच्युटी पाने का अधिकार है। सेवानिवृत्ति आयु 60 से बढ़कर 62 किए जाने के बाद ग्रेच्युटी का विकल्प देने का निर्देश जारी किया गया। विकल्प सेवानिवृत्ति से एक वर्ष के भीतर देना था, किंतु विकल्प भरने से पहले ही मौत हो गई। ऐसे में ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इन्कार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने तीन माह में ग्रेच्युटी की गणना कर निर्णय से याची को सूचित करने का निर्देश दिया है।

सभी याची बेसिक स्कूल के अध्यापक के वारिस हैं। कोर्ट ने उषा रानी केस के हवाले से कहा कि मौत कभी भी हो सकती है। यदि विकल्प नहीं भरा गया है तो इस आधार पर ग्रेच्युटी देने से मना नहीं कर सकते। वर्ष 1964 में नियमावली बनी। पहले सेवानिवृत्ति आयु 58 वर्ष थी, बढ़कर 60 वर्ष हुई। नौ नवंबर, 2011 को सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। 60 साल में सेवानिवृत्त होने वाले अध्यापकों को ग्रेच्युटी पाने का हक है। इसके लिए विकल्प भरना होगा। सवाल उठा कि पहले ही मौत हो गई तो विकल्प के अभाव में क्या ग्रेच्युटी से इन्कार कर सकते हैं? कोर्ट ने कहा कि सेवाकाल में मृत्यु की दशा में ग्रेच्युटी देने से इन्कार नहीं किया जा सकता।

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हाई कोर्ट: चयनित अभ्यर्थियों के कट आफ मेरिट से नीचे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति का अधिकार नहीं

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि चयनित अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने से कट आफ मेरिट से नीचे अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को नियुक्ति का अधिकार नहीं मिल जाता। अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार करने का प्रविधान नहीं है तो चयनितों के ज्वाइन न करने से नीचे अंक पाने वाले अभ्यíथयों की नियुक्ति नहीं हो सकती।

यह निर्णय न्यायमूíत अश्विनी कुमार मिश्र ने मनोज कुमार मिश्र व छह अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने शंकरसन दास केस में यह फैसला दे रखा है कि वेटिंग लिस्ट बनाने का कोई प्रविधान नहीं है तो कट आफ मार्क से नीचे अंक पाने वाले अभ्यíथयों को नियुक्ति पाने का अधिकार नहीं बनता और दायर याचिका पोषणीय नहीं होगी।

पीजीटी के शेष 11 विषयों का परिणाम करीब एक सप्ताह में होगा जारी, जानिए क्यो रुका रिजल्ट

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) के शेष 11 विषयों का परिणाम करीब एक सप्ताह में जारी करेगा। इन विषयों के उत्तरमाला पर आई आपत्तियों का विषय विशेषज्ञों द्वारा अभी निस्तारण किया जा रहा है। जिन 12 विषयों में मिली आपत्तियों का निस्तारण कर दिया गया, उनके परिणाम शुक्रवार रात में जारी कर दिए गए।

चयन बोर्ड के उप सचिव एवं परीक्षा नियंत्रक नवल किशोर के अनुसार पीजीटी के जिन विषयों का परिणाम अभी रुका है, उनमें हिंदी, भूगोल, समाजशास्त्र, इतिहास, वाणिज्य, संगीत (वादन), शारीरिक शिक्षा, नागरिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, कृषि एवं शिक्षाशास्त्र शामिल हैं। इन विषयों की उत्तरमाला जारी करने के बाद अभ्यर्थियों से मांगी गई आनलाइन शिकायतों को निस्तारण अभी पूरा नहीं हो पाया है।

पीजीटी के कुल 23 विषयों में प्रवक्ता पद के लिए परीक्षा 17 एवं 18 अगस्त को प्रदेश भर के सभी जिलों में आयोजित की गई थी। कुल 2595 पदों के लिए 4.70 लाख अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी।

10 साल से संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर को ठेकेदार की आउटसोर्सिंग करने के आदेश पर लगी रोक

प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग प्रयागराज में पिछले 10 साल से संविदा कर्मी के रूप में कार्यरत कंप्यूटर आपरेटर को ठेकेदार की आउटसोसग सेवा ज्वाइन करने के लिए बाध्य करने के आदेश पर रोक लगा दी है। इस मामले में राज्य सरकार व आयोग से दो हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने आयोग को निर्देश दिया है कि याची को कंप्यूटर आपरेटर पद का कार्य करने दिया जाए। Basic Shiksha News, 


यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने महबूब अली की याचिका पर दिया है। उनका कहना है कि याची की नियुक्ति 2011 में संविदा आधार की गई है। उसकी सेवा से कोई शिकायत नहीं है। आयोग ने दो सितंबर, 2021 के आदेश से उसे ठेकेदार की सेवा में बतौर आउटसोर्स कर्मी कार्य करने का निर्देश दिया है। Basic Shiksha News,Primary Ka Master,

DBT डाटा फीडिंग का काम शिक्षकों से नहीं बाबुओं से कराया जाये, हो रहा परिषदीय शिक्षकों का मानसिक उत्पीड़न

झाँसी । प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली निशुल्क सुविधाए इस बार विद्यालय से न देकर इसके एवज में अभिभावकों के खाते में बजट दिया जाएगा, जिसके लिये दानेक बेनिफिट ट्रांसफर प्रक्रिया अपनायी जाएगी, इससे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को डाटा फीडिंग कराने में अहम भूमिका निभानी है।

साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि बच्चों का सही विवरण दर्ज हो । डीवीटी के माध्यम से अगले एक सप्ताह में पहले चरण की किस्त भी जारी की जानी है, लेकिन इस योजना का अभिभावकों को लाभ मिलने से पहले ही तैयारियां का विरोध शुरू हो गया है, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रसकेन्द्र गौतम ने बीएसए को ज्ञापन देकर इस काम को बीआरसी स्तर पर तैनात जनप्रिये ऑपरेटर से कराने की मांग करते हुए कहा कि बच्चे स्कूल आना शुरू हो चुके है ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है विभाग को यह ध्यान रखना चाहिये कि शिक्षक कोई बाबू नहीं है जो बाबू बाला काम करे, इसे बीआरसी स्तर पर कराया जाना चाहिये । इस मौके पर महेश साहू, विपिन त्रिपाठी, हिमांशु, प्रदीप कुशवाहा, नीरज चाऊदा, रोहित निरंजन आदि मौजूद रहे ।

बरेली: स्कूलों में बच्चे बिना जूते, ड्रेस और बैग के पढ़े रहे, जबकि वितरण 15 जुलाई तक करना था

बरेली। परिषदीय स्कूलों के सत्र जी का शुभारंभ हुए तीन माह बीत चुके हैं। ग्रीष्मावकाश के बाद सितंबर भी लगभग पार हो गया है मगर इन स्कूलों में बच्चे बिना जूते, ड्रेस और बैग के पढ़े रहे हैं। अभी तक एक भी स्कूल में ड्रेस, जूते और बैग का वितरण नहीं हुआ है, जबकि वितरण 15 जुलाई तक होना था।

स्कूलों में बिना ड्रेस के बच्चे
कायाकल्प योजना में बरेली को अव्वल बताया गया कॉन्वेंट स्कूलों से तुलना करके बच्चों को परिषदीय स्कूलों में बेहतर शिक्षा दिलाने के तमाम दावे किए गए लेकिन ये सब कागजी रहा। दावा था कि जुलाई में बच्चों को जूते, ड्रेस उपलब्ध करा दिए जाएंगे मगर सितंबर में भी बादा पूरा नहीं हुआ। इस बार जूते, बैग और यूनिफार्म खरीदने के लिए धनराशि सीधे बच्चों के खाते में भेजी जानी है। इसमें भी लापरवाही सामने आ रही है। जिले में 3 लाख 26 हजार 184 छात्र-छात्राओं के लिए पैसा ट्रांसफर होना है। इनकी सूचना भी प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड की जानी है। विभागीय लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अभी तक प्रेरणा पोर्टल पर दो हजार छात्र-छात्राओं का ब्योरा भी अपलोड नहीं हो सका है। बीएसए विनय कुमार का कहना है कि सभी ब्लाकों से सूचना मांगकर पोर्टल पर अपलोड की जा रही है। जल्द ही बच्चों को यूनिफार्म, जूते-मोजे और बैग उपलब्ध कराए जाएंगे।

देरी से यूनिफार्म मिलना नई बात नहीं
परिषदीय विद्यालयों में देरी से यूनिफार्म मिलना कोई नई बात नहीं है। यह हर साल होता है। खास बात है कि हर साल शिक्षा विभाग इसके कई कारण भी गिनाता है लेकिन आज तक बच्चों को समय पर यूनिफार्म या स्वेटर उपलब्ध नहीं कराया गया है। अभी तक इस नहीं मिली है और अगले एक से डेढ़ माह में सर्दी शुरू हो जाएगी। इसी तरह चलता रहा तो सर्दी निकल जाने तक बच्चों तक स्वेटर नहीं पहुंच पाएगा।

बीएड प्रवेश काउंसलिंग का पहला चरण पुरा, दूसरे के लिए पंजीकरण शुरु

लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से अगस्त माह में हुई उप्र संयुक्त प्रवेश परीक्षा बीएड-2021-23 की काउंसलिंग के प्रथम चरण (रैंक 01 से 75,000 तक) के सीट आवंटन का परिणाम शनिवार को घोषित किया गया।पहले चरण में 36294 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण किया था और कुल 35727 अभ्यर्थियों ने विश्वविद्यालय या महाविद्यालय के विकल्प लॉक किए। 567 ऐसे अभ्यर्थी हैं जिन्होंने केवल पंजीकरण किया लेकिन कोई भी विकल्प लॉक नहीं किए।

 प्रथम चरण में कुल 30031 अभ्यर्थियों को उनके द्वारा चुने गए बीएड कॉलेजों में सीटें आवंटित हुई। इनमें सामान्य श्रेणी की 25632, अन्य पिछड़ा वर्ग की 1841, अनुसूचित जाति की 1165, अनुसूचित जनजाति की 30, अन्य राज्यों के 728 व आर्थिक रूप से पिछडा वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के 635 अभ्यर्थियों को विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में सीटें आवंटित हुई हैं। द्वितीय चरण (स्टेट रैंक 75,001 से 2,00,000 तक) के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई। प्रवेश राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेयी ने कहा है कि अभ्यर्थी च्वाइस-फिलिंग प्रक्रिया में महाविद्यालय चयन के पूर्व वेबसाइट पर उपलब्ध महाविद्यालयों की सूची से अपनी पसंद के महाविद्यालयों के कोड नोट कर लें तथा उन्हें अपनी रुचि के क्रम में अधिकारिक संख्या में भरें, जिससे वे अपनी पसंद के बीएड महाविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर सकें।

अनुपस्थित रहे अध्यापक हेडमास्टर हुए निलंबित, रोका एक दिन का वेतन

वाराणसी : जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने शनिवार को कई विद्यालयों का निरीक्षण किया। पूर्व माध्यमिक विद्यालय (बेला-चोलापुर ब्लाक) में सहायक अध्यापक अनीता गुप्ता व परिचारक संतोष कुमार कन्नौजिया अनुपस्थित मिले। उपस्थिति पंजिका में दोनों के अवकाश पर रहने का कोई उल्लेख नहीं किया गया था। इसे देखते हुए बीएसए ने तत्काल प्रभाव से प्रभारी हेडमास्टर विनोद कुमार निलंबित कर दिया ।

साथ ही सहायक अध्यापक व परिचारक का एक दिन का वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया है। विद्यालय के अभिलेखों का उचित रखरखाव न करने तथा आपरेशन कायाकल्प में उदासीनता को देखते । हुए उन्होंने प्रभारी हेडमास्टर को चोलापुर ब्लाक से संबद्ध कर दिया है। साथ ही तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है। इसमें आराजीलाइन ब्लाक के खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) रामटहल, दशाश्वमेध के बीईओ देवी प्रसाद दुबे व चिरईगांव के बीइओ स्कंद गुप्ता को जांच की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा निरीक्षण के दौरान कंपोजिट विद्यालय (धरौहरा-चोलापुर) के सहायक अध्यापक जयशंकर यादव, सतीश सिंह व जया सिंह अनुपस्थिति मिलने पर उनका भी एक दिन का वेतन अगले आदेश तक के लिए रोक दिया है। बीएसए ने चार शिक्षकों व एक परिचारक का एक दिन का वेतन अगले आदेश तक के लिए रोका है।

बच्चों को मिलने वाली निशुल्क सुविधाए इस बार विद्यालय से न देकर इसके एवज में अभिभावकों के खाते में बजट दिया जाएगा

झाँसी: प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में बच्चों को मिलने वाली निशुल्क सुविधाए इस बार विद्यालय से न देकर इसके एवज में अभिभावकों के खाते में बजट दिया जाएगा, जिसके लिये दानेक बेनिफिट ट्रांसफर प्रक्रिया अपनायी जाएगी, इससे विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को डाटा फीडिंग कराने में अहम भूमिका निभानी है।

साथ ही यह भी ध्यान रखना है कि बच्चों का सही विवरण दर्ज हो । डीवीटी के माध्यम से अगले एक सप्ताह में पहले चरण की किस्त भी जारी की जानी है, लेकिन इस योजना का अभिभावकों को लाभ मिलने से पहले ही तैयारियां का विरोध शुरू हो गया है, बेसिक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष रसकेन्द्र गौतम ने बीएसए को ज्ञापन देकर इस काम को बीआरसी स्तर पर तैनात जनप्रिये ऑपरेटर से कराने की मांग करते हुए कहा कि बच्चे स्कूल आना शुरू हो चुके है ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ गई है विभाग को यह ध्यान रखना चाहिये कि शिक्षक कोई बाबू नहीं है जो बाबू बाला काम करे, इसे बीआरसी स्तर पर कराया जाना चाहिये । इस मौके पर महेश साहू, विपिन त्रिपाठी, हिमांशु, प्रदीप कुशवाहा, नीरज चाऊदा, रोहित निरंजन आदि मौजूद रहे ।

यूटा ने शिक्षा विभाग की ओर से डीबीटी फीडिंग के नाम पर बनाए जा रहे मानसिक दबाव पर आक्रोश जताया - Basic Shiksha News

बरेली। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) ने बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से डीबीटी फीडिंग के नाम पर बनाए जा रहे मानसिक दबाव पर आक्रोश जताया। उन्होंने कार्यालय परिसर में प्रदर्शन कर आदेश को वापस लेने की मांग की है।

जिलाध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने बताया कि बेसिक स्कूलों में पंजीकृत छात्रों के अभिभावकों के खातों में सीधे ड्रेस, जूता मोजा और स्वेटर का बजट भेजने के निर्देश हैं। इसके लिए अफसरों द्वारा लगातार शिक्षकों पर पंजीकृत विद्यार्थियों का डाटा फीड किए जाने को कहा जा रहा है। उन्होंने आपत्ति जताते हुए कहा कि किसी शिक्षक के साथ अगर कोई अनहोनी होगी हुई तो मुकदमा किया जाएगा। Basic Shiksha News,Primary Ka Master,