पीजीटी हंिदूी आवंटन में संशोधन: माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पीजीटी-2016 के तहत हंिदूी विषय के विद्यालय आवंटन में संशोधन किया है। उपसचिव नवल किशोर ने बताया कि पीजीटी-2016 के हंिदूी विषय के संस्था आवंटन मे संशोधन किया गया है। यह संशोधन चयन बोर्ड की वेबसाइट/नोटिस बोर्ड पर चस्पा है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी-2016 के तहत 37 शिक्षकों का समायोजन किया है।
पीजीटी हंिदूी आवंटन में संशोधन: माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने पीजीटी-2016 के तहत हंिदूी विषय के विद्यालय आवंटन में संशोधन किया है। उपसचिव नवल किशोर ने बताया कि पीजीटी-2016 के हंिदूी विषय के संस्था आवंटन मे संशोधन किया गया है। यह संशोधन चयन बोर्ड की वेबसाइट/नोटिस बोर्ड पर चस्पा है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड ने टीजीटी-पीजीटी-2016 के तहत 37 शिक्षकों का समायोजन किया है।
69000 शिक्षक भर्ती के अवशेष 6696 पदों पर नियुक्ति पत्र वितरण के सम्बन्ध में जिलावार विज्ञप्तियां , देखें
ई पाठशाला के अंतर्गत दूरदर्शन पर आज दिनाँक 22.07.2021 को प्रसारित होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा
प्रयागराज । प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के लिए 69000 शिक्षक भर्ती में तीन चरण की काउंसलिंग के बाद खाली पदों को भरने के लिए अब कम मेरिट के अभ्यर्थियों ने चौथी काउंसलिंग कराए जाने की मांग की है। शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों ने प्रदेश सरकार एवं
बेसिक शिक्षा मंत्री से खाली पदों को भरने के लिए एक और काउंसलिंग कराने की मांग की है। मांग करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि लगभग छह सौ सीट अभ्यर्थियों के अनुपस्थित रहने के कारण खाली रह गई है। ऐसे में एक और काउंसलिंग करके खाली सीटों को भरा जाए।बुलंदशहर : कोरोना संक्रमण में बेपटरी हुई शिक्षण व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद तेज हो गई है। परिषदीय स्कूलों में नामांकन का ग्राफ बढ़ाने के लिए शिक्षक गांवों की गलियों में कदम ताल कर रहे हैं। घर-घर दरवाजा खटखटाकर बच्चों का दाखिला कराने के लिए अभिभावकों को प्रेरित कर रहे हैं। हालांकि शिक्षकों को इस अभियान में चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनकी मेहनत रंग ला रही है। पिछले सत्र के मुकाबले नामांकन का आंकड़ा बढ़ रहा है। दरअसल, कोरोना संक्रमण का कहर बरपने पर मार्च में शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया। शिक्षकों को वर्क फ्राम होम पर रहते हुए आनलाइन पठन-पाठन की जिम्मेदारी सौंपी गई। अब कोरोना की मंद पड़ी रफ्तार के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन अभी विद्यालयों को बच्चों के लिए बंद हैं। जबकि शिक्षक एवं कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है। इस बीच नए शैक्षणिक सत्र की शरुआत भी हो चुकी है। परिषदीय स्कूलों में शत-प्रतिशत नामांकन कराने के लिए शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब चूंकि बच्चों के लिए विद्यालय बंद हैं। ऐसे में कुछ अभिभावक विद्यालय पहुंचकर बच्चों का प्रवेश करा रहे हैं। जबकि अधिकांश अभिभावक बच्चों का दाखिला कराने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। जिसका असर परिषदीय स्कूलों के नामांकन पर पड़ रहा है। इन अभिभावकों को समझाने के लिए शिक्षक गांव में पहुंच रहे हैं। समझाने पर मान रहे अभिभावक