कभी नौकरी की गारंटी रहे डिप्लोमा इन एलिमेंटरी एजुकेशन (पूर्व में बीटीसी) कोर्स के प्रति युवाओं का रुझान घट रहा है। डीएलएड के 2021 सत्र में प्रवेश के लिए प्रदेश के 106 प्राइवेट कॉलेजों को एक भी छात्र नहीं मिले। सैकड़ों कॉलेज ऐसे हैं जहां बमुश्किल एक दर्जन छात्र भी नहीं मिले हैं। पिछले साल सत्र शून्य होने से प्रवेश नहीं हुआ था और इस साल आधी सीटें भी नहीं भरने से इन कॉलेजों की कमाई खत्म हो गई है। अब इनके सामने अस्तित्व का संकट है।
● 2018 में एनसीटीई ने बीएड को भी प्राथमिक शिक्षक भर्ती में मान्य कर दिया।
● अन्य प्रदेशों में 12वीं के बाद डीएलएड में प्रवेश होता है, यूपी में स्नातक के बाद।
● डीएलएड की काउंसिलिंग बीएड के साथ होने के कारण अभ्यर्थी बीएड की तरफ चले गए।