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दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को फिर मिल सकता है बड़ा तोहफा, जानिए क्या क्या मिलने कि उमीद

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार महंगाई भत्ता (डीए), महंगाई राहत (डीआर) और किराया भत्ता (एचआरए) में बढ़ोतरी के बाद दिवाली से पहले सरकारी कर्मचारियों को फिर तोहफा दे सकती है। केंद्र ने जुलाई में महंगाई भत्ता 17 फीसदी से बढ़ाकर 28 फीसदी और हाउस रेंट अलाउंस 24 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी किया था। अब केंद्रीय कर्मियों का महंगाई भत्ता फिर 3 फीसदी बढ़ेगा इसके बाद यह बढ़कर 31 फीसदी हो जाएगा। बता दें कि केंद्र ने कोरोना के कारण महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी को मई 2020 में रोक दिया था।

केंद्रीय कर्मचारी महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद से डीए एरियर की मांग कर रहे हैं। नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम, डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग और वित्त मंत्रालय के बीच इस लेकर 26-27 जून 2021 में बैठक हुई थी। हालांकि, इस पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। केंद्र ने 17 फीसदी की दर से दिया जा रहा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता कोरोना के दौरान करीब डेढ़ साल तक रोक दिया था। जानकारों के मुताबिक, लेवल-1 के कर्मियों का डीए एरियर 11,880 रुपये से 37,554 रुपये के बीच बनता है वहीं, लेवल-14 (पे-स्केल) के कर्मचारी को डीए के 1,44,200 रुपये से लेकर 2,18,200 रुपये तक मिलेगा। पिछले साल के मुकाबले कुल महंगाई भत्ता 11 फीसदी बढ़ चुका है मोदी सरकार ने जुलाई 2021 से इस 28 फीसदी कर दिया है। अब जून 2021 में अगर यह 3 फीसदी बढ़ता है, तब इसके बाद महंगाई भत्ता 31 फीसदी पर पहुंच जाएगा। दूसरे शब्दों में समझे तब एक कर्मचारी की बेसिक सैलरी 50,000 रुपये हैं, तब उस 15,500 रुपये डीए मिलेगा। वहीं, केंद्र की तर्ज पर राज्यों ने भी डीए बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, हरियाणा, कर्नाटक, राजस्थान और असम शामिल हैं। डीए कर्मचारी की बेसिक सैलरी का निश्चित हिस्सा होता है। देश में महंगाई के असर को कम करने के लिए सरकार अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देती है, जिसे समय-समय पर बढ़ाया जाता है।

कर्मचारी को अंतर्जनपदीय तबादले के लिए दोबारा आवेदन का अधिकार : हाई कोर्ट

प्रयागराज :- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कर्मचारी द्वारा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए दिए गए आवेदन को मात्र इस आधार पर नहीं खारिज किया जा सकता है कि उसने दूसरी बार अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लिए आवेदन किया है।

कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा फतेहपुर में नियुक्त शिक्षिका शशि सिंह द्वारा दिए गए अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के आवेदन को रद्द करने का आदेश खारिज कर दिया है। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह याची का आवेदन मात्र इस आधार पर निरस्त न करें कि उसने दोबारा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की मांग की है तथा इस फैसले के आलोक में अधिकारियों को स्थानांतरण आवेदन पर छह सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।

शशि सिंह की याचिका पर न्यायमूर्ति ने सुनवाई की। अधिवक्ता नवीन शर्मा का कहना था कि याची ने फतेहपुर से वाराणसी स्थानांतरण के लिए आवेदन किया था। मगर उसका आवेदन निरस्त कर दिया गया कि याची पहले भी आवेदन किया था

जनपदीय आधारभूत आँकड़े उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

वर्ष 2020-21 के लिए जनपदीय आधारभूत आँकड़े उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस (08 सितम्बर) कार्यक्रम मनाये जाने के संबंध में

दिनांक 08 सितम्बर, 2021 को अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस कार्यक्रम मनाये जाने के संबंध में ।

इस सत्र में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ सभी पात्र छात्राओं को उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में

वर्तमान शैक्षिक सत्र में मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का लाभ सभी पात्र छात्राओं को उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।

UP कर्फ़्यू का समय बदला : अब रात 11 बजे से सुबह 6 बजे तक रहेगा

यूपी में कर्फ़्यू का समय बदला ! अब रात ग्यारह बजे से सुबह छह बजे तक रहेगा !

शिक्षा गुणवत्ता पर योगी सरकार का जोर, 10-10 स्कूलों की जांच करेगें अधिकारिय

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में पढाई शुरू हो गई है. अब उसे गुणवत्ता जांचने के लिए निदेशक व अपर निदेशक स्तर के अधिकारियों को तैनात किया है। वे जिलों में जाकर स्कूलों की जांच करेंगे, उन्हें अपनी रिपोर्ट विभाग की ओर से दिए गए लिंक पर आनलाइन अपलोड करनी होगी.


सोमवार बेसिक शिक्षा विभाग के 37 अधिकारी बरेली लखनऊ समेत इतने ही जिलों में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। योगी सरकार प्राथमिक शिक्षा की तस्वीर बदलने को प्रयासरत है इसी को देखते हुए 1:35 लाख स्कूलों का कायाकल्प करने के साथ पढाई में कोई रुकावट न हो इसके लिए छात्र- छात्राओं को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध कराई जा रही है.

स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए निदेशक, अपर निदेशक समेत उच्च स्तर के अधिकारियों को स्कूलों की जांच में लगाया गया है, इस संबंध में महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह के और से दिशा- निर्देश जारी किए है।

10-10 स्कूलों की जांच करेगें

महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सिंह ने प्रदेश के सभी जिलों में प्राथमिक शिक्षा गुणवत्ता जांचने के लिए 75 अधिकारियों, सलाहकारों को लगाया है. सभी अधिकारियों को आवंटित जिलों में जाकर 10-10 स्कूलों कि जांच करनी है, अधिकारी स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत हुए कार्य, पाठ्य पुस्तकों का वितरण शिक्षा की गुणवत्ता आदि देखेगें। ज्ञात हो कि इससे पहले 3-4 सितम्बर को अधिकारियों ने 38 जिलों का निरीक्षण किया था, अब शेष जिलों में तेजी से निरीक्षण होगा।

यूपी के कई जिलो में कल भारी बारिश की चेतावनी, जानिए किन जिलो में यह अलर्ट

लखनऊ: मौसम विभाग ने 6 और 7 सितम्बर को राज्य के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का अलर्ट जारी किया है कही- कही वज्रपात की भी आशंका है सात सितम्बर को बांदा, लखीमपुर खीरी, रामपुर, बरेली, पीलीभीत, महोबा ललितपुर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश होने या गरज- चमक के साथ बौझरे पडने की संभावना जताई गई यूपी में मानसून समान्य है, चौबीस घंटे में पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश गरज- चमक के साथ हुई है। जबकि कुछ स्थानों में भारी से भारी बारिश दर्ज की गई है।


राजधानी में रविवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26ष डिग्री दर्ज किया गया है. वही आज सोमवार को प्रदेश के कुछ इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है. आज लखनऊ में अधिकतम तापमान 34 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिक डां. जेपी गुप्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश के पूर्वी व पश्चिमी इलाकों में रविवार को कही हल्की तो कही भारी बारिश हो सकती है, इसके अलावा आज और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आइसोलेटेड स्थानों पर भारी बारिश की संभावना जताई गई है।

खाली पांच लाख पदों को भरने, युवा को रोजगार की गारंटी, रोजगार मिलने तक बेकारी भत्ता देने के मुद्दे कोलेकर युवाओं का प्रदर्शन जारी

प्रयागराज : प्रदेश के विभिन्न विभागों में खाली लगभग पांच लाख पदों को भरने, हर युवा को रोजगार की गारंटी, रोजगार मिलने तक बेकारी भत्ता देने के मुद्दे पर पत्थर गिरजाघर के पास युवाओं का प्रदर्शन जारी है। युवा मंच के बैनर तले चल रहे आंदोलन में विभिन्न भर्तियों के अभ्यर्थी शामिल हुए। आंदोलन के पांचवें दिन रविवार को शिक्षक दिवस के अवसर पर सबने रोजगार आंदोलन तेज करने का संकल्प लिया। इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर 17 सितंबर को बालसन चौराहा पर बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान किया गया। प्रदर्शन में प्रदेशभर के बेरोजगार युवाओं को आमंत्रित किया जाएगा।


संगठन के संयोजक राजेश सचान व अध्यक्ष अनिल सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष 17 सितंबर को हुए प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन महीने में सभी रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालने व छह महीने में नियुक्ति कराने का ऐलान किया गया था, लेकिन वो पूरा नहीं हुआ। इस बार उससे भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा। करन सिंह परिहार व राम बहादुर पटेल ने प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए कमेटी गठित करने के औचित्य पर सवाल खड़ा किया। प्रदर्शन में ईशान, अरुण पाल, धर्मराज यादव, विवेक सिंह आदि शामिल रहे


माध्यमिक उच्च न्यायालय में दिनांक 06.09.2021 को सूचीबद्ध वादों/अवमाननावादों के सम्बन्ध में

मा0 उच्च न्यायालय, में दिनांक 06.09.2021 को सूचीबद्ध वादों/अवमाननावादों के सम्बन्ध में।












शिक्षक दिवस, क्या है आइये जानते है इसके पीछे का पूरा इत‍िहास

Teacher's Day 2021: पांच स‍ितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है. वैसे यूनेस्को ने साल 1994 में 5 अक्टूबर को टीचर्स डे यानी श‍िक्षक दिवस मनाने की घोषणा की थी. एक ऐसा दिन, जब श‍िक्षा के जरिये नई पीढ़ी को ज्ञान स्थानांतरित करने वालों का सम्मान हो. वहीं भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है. जानिए इसके पीछे का इतिहास, क्यों इसी तारीख को हर साल भारत में श‍िक्षक दिवस मनाया जाता है.


रोचक बात यह है कि 'शिक्षक दिवस' विश्व के अधिकांश देशों में मनाया जाता है, लेकिन सबने इसके लिए अलग-अलग दिन निर्धारित किए हुए हैं. इसलिए कुछ देशों में 'शिक्षक दिवस' वाले दिन अवकाश रहता है, वहीं बाकी देशों में उस दिन रोजमर्रा की तरह ही कामकाजी दिन रहता है.

जानें- कैसे हुई अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत

यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को 'अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस' घोषित किया था. साल 1994 से ही इसे मनाया जा रहा है. शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढ़ियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरुकता लाने के मकसद से इस विशिष्ट दिन की शुरुआत की गई थी. आज विश्व भर के लगभग सौ देशों में यह दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्कूल-कॉलेजों आदि में अपने अध्यापकों तथा गुरुओं के सम्मान में अनेक प्रकार के कार्यक्रम आदि आयोजित किए जाते हैं.

यहां भी मनाया जाता है टीचर्स डे

10 दिसंबर, 1945 के दिन चिली के महान कवि गब्रिएला मिस्ट्राल को नोबेल पुरस्कार मिला था. इस दिन को यादगार बनाने के लिए 1974 में 10 दिसंबर को 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाए जाने का निर्णय लिया गया, लेकिन 16 अक्टूबर, 1977 को टीचर्स कॉलेज की स्थापना के बाद से वहां 16 अक्टूबर को 'शिक्षक दिवस' मनाया जाता है. बता दें, हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के अलावा मालदीव्स, कुवैत, मॉरीशस, कतर, ब्रिटेन, रूस आदि इसी दिन टीचर्स डे मनाते हैं. बता दें कि चीन 10 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है.

भारत में शिक्षक दिवस

स्वतंत्र भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था, इस कारण सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में भारत में 'शिक्षक दिवस ' मनाया जाता है.

साउ पोलो में मना पहला शिक्षक दिवस

15 अक्टूबर, 1827 के दिन प्रेडो-I ने ब्राजील में प्राथमिक स्कूलों की स्थापना संबंधी आदेश दिया था. इसी दिन की याद में साउ पोलो के एक छोटे से स्कूल के कुछ शिक्षकों ने 15 अक्टूबर, 1947 को पहली बार शिक्षक दिवस का आयोजन किया था. धीरे-धीरे पूरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा और 1963 में आधिकारिक रूप में इस दिन को शिक्षक दिवस का दर्ज़ा दे दिया गया.

अलग-अलग देशों में इस दिन मनाया जाता है शिक्षक दिवस

शिक्षक दिवस को चीन से लेकर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, अल्बानिया, इंडोनेशिया, ईरान, मलयेशिया, ब्राजील और पाकिस्तान तक शामिल हैं. हालांकि हर देश में इस दिवस को मनाने की तारीख अलग-अलग है. जैसे कि- चीन में 10 सितंबर तो अमेरिका में छह मई, ऑस्ट्रेलिया में अक्तूबर के अंतिम शुक्रवार, ब्राजील में 15 अक्तूबर और पाकिस्तान में पांच अक्तूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.

बढ़ा हुए डीए से भी कर्मचारियों को नहीं मिला राहत, इस महंगाई मे कम पड़ रहा है ये डीए

महंगाई ने आम लोगों का जीवन कठिन कर दिया है। केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ता की घोषणा तो की गई है लेकिन बढ़ती कीमत के आगे यह नाकाफी है। स्थिति यह है कि पिछले डेढ़ वर्ष में महंगाई भत्ता में 11 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके विपरीत घरेलू खर्च डेढग़ुना तक बढ़ गया है। इसकी वजह से सामान्य परिवार में भी घर का बजट आवश्यक वस्तुओं तक सिमटकर रह गया है। अतिरिक्त खरीदारी तो सोच से भी बाहर हो गई है।

कोरोना काल में सरकार ने जनवरी 2020 से डीए फ्रीज कर दिया था। यह पाबंदी जनवरी 2021 तक लागू रही। जबकि, पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी समेत अनेक वजहों से महंगाई लगातार बढ़ती गई। खाद्य तेल, दाल की कीमत में तो इस दौरान 50 से 100 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई। रसोई गैस पर खर्च भी 26 प्रतिशत बढ़ गया है। ऐसे में महंगाई भत्ता में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी को कर्मचारी नाकाफी मान रहे हैं।

उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के मंडल अध्यक्ष अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना है कि महंगाई चरम पर है। ऐसे में डीए में 11 प्रतिशत बढ़ोतरी कर्मचारियों के साथ बेमानी है। कम से कम 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। उत्तर प्रदेश संयुक्त कर्मचारी परिषद के राजेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि  महंगाई भत्ता निर्धारण का फार्मूला ही गलत है। इसमें थोक मूल्य सूचकांक को शामिल किया जाता है। जबकि, फूटकर में महंगाई ज्यादा बढ़ी है। कर्मचारियों की मांग है कि फूटकर मूल्य के आधार पर डीए का निर्धारण किया जाए।

महंगाई बढने के छह महीने बाद मिलता है भत्ता का लाभ

डीए का निर्धारण वर्ष में दो बार जनवरी तथा जुलाई में होता है। इस तरह पिछले छह महीने में महंगाई में हुई बढ़ोतरी के आधार पर डीए का निर्धारण होता है। यानि, जनवरी से जून के बीच बढ़ी महंगाई के आधार पर डीए में हुई बढ़ोतरी का लाभ जुलाई के वेतन से मिलेगा। 

डीए निर्धारण में कम हुई खाद्य वस्तुओं की भूमिका 

वेतन और पेंशन निर्धारण के जानकार एजी ऑफिस से रिटायर हरिशंकर तिवारी के अनुसार  उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का निर्धारण 38 जिलों के 88 बाजारों के आधार पर होता है। इसमें पूरे देश के जिले और बाजार शामिल हैं। इसके अलावा ऊर्जा, खाद्य वस्तुएं, सेवा समेत अन्य क्षेत्रों के मूल्य में बढ़ोतरी का औसत लिया जाता है। इस लिहाज से 1960 में मूल्य सूचकांक निर्धारण में खाद्य वस्तुओं की हिस्सेदारी 60 फीसदी हुआ करती थी लेकिन सेवा शुल्क, ऊर्जा आदि क्षेत्रों में विस्तार हुआ है। इससे खाद्य वस्तुओं का प्रतिशत अब सिर्फ 58 प्रतिशत रह गया है उनका कहना है कि सेवा क्षेत्र में ही मोबाइल टैरिफ में बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऊर्जा सेक्टर में बिजली समेत कई अन्य मद में खर्च कई वर्षों तक स्थिर रहता है 

लेकिन मूल्य सूचकांक का निर्धारण सभी के औसत पर तय होता है। इसलिए खाद्य वस्तुओं, पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमत में अधिक बढ़ोतरी के बावजूद डीए में अपेक्षित बढ़ोतरी नहीं हो पाती। इसके अलावा डीए का लाभ भी महंगाई बढने के छह महीने बाद मिलता है। वहीं एलआईसी के कर्मचारी अविनाश मिश्रा का कहना है कि मूल्य सूचकांक निर्धारण के लिए जिलों का चयन भी गलत तरीके से हुआ है। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को हटाकर कम महंगाई वाले जिले को शामिल कर लिया गया है। इससे भी मूल्य सूचकांक का वास्तविक निर्धारण नहीं हो पाता।

डीए बढ़ा 2000 रुपये, घरेलू खर्च में  3000 से अधिक की बढ़ोतरी

डेढ़ वर्ष बाद डीए में 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस लिहाज से मासिक वेतन में न्यूनतम 1980 से 27500 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, 10 हजार रुपये से अधिक की बढ़ोतरी क्लास वन अफसरों के वेतन में ही हुई है। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के ज्यादातर कर्मचारियों के वेतन में दो हजार से सात हजार रुपये की ही बढ़ोतरी हुईं है। इसके विपरीत घर का खर्चू ही तीन से छह हजार रुपये तक बढ़ गया है। यह बढ़ोतरी सिर्फ खाने पर हुई है। मकान का किराया, चिकित्सा, परिवहन आदि खर्च इसमें शामिल नहीं हैं।

‘महंगाई काफी बढ़ गई है। इससे बहुत कुछ बदला है। हमारा पांच लोगों का परिवार है। पहले सब्जी, राशन आदि पर आठ से 10 हजार खर्च होते थे लेकिन अब 15 हजार से 16 हजार खर्च होते हैं। पेट्रोल, गैस सबकुछ के दाम बढ़ गए हैं। पहले ई-रिक्शा वाले थोड़ी दूर का 10 रुपये लेते थे लेकिन अब 20 रुपये से कम नहीं लेते। महंगाई की वजह से कई मद में कटौती करनी पड़ी है।’ - 

दारोगा भर्ती की लिखित परीक्षा अक्टूबर-नवंबर में, 12.5 लाख अभ्यर्थी होंगे शामिल

लखनऊ : उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड दारोगा भर्ती 2020-21 की आनलाइन लिखित परीक्षा अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में शुरू कराने की तैयारी में है। पुरुष व महिलाओं के लिए उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस, पुरुषों के लिए प्लाटून कमांडर पीएसी व अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के 9534 पदों के लिए अब तक की सबसे बड़ी दारोगा भर्ती की परीक्षा नवंबर के तीसरे सप्ताह तक चलेगी। भर्ती बोर्ड 27 अक्टूबर से परीक्षा शुरू करा सकता है। हालांकि रेलवे की परीक्षाओं के चलते भर्ती बोर्ड ने अभी अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की है।
डीजी पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड आरके विश्वकर्मा ने बताया कि करीब 12.5 लाख अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे। आनलाइन लिखित परीक्षा करीब 22 दिन होगी। प्रतिदिन दो पालियों में परीक्षा का संचालन होगा। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से नवंबर के तीसरे सप्ताह के मध्य परीक्षा पूरी कराने का लक्ष्य रखा गया है। तैयारियां अंतिम चरण में हैं। डीजी ने बताया कि प्रदेश में एक पाली में करीब 10 हजार अभ्यर्थी परीक्षा देंगे। इसके अनुरूप अलग-अलग प्रश्नपत्र भी बनवाए जा रहे हैं। भर्ती बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार इससे पूर्व दारोगा भर्ती के लिए करीब आठ लाख तक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। कोरोना संक्रमण काल के चलते बोर्ड को दो बार दारोगा भर्ती के लिए आवेदन तिथि बढ़ाने पड़ी थी। इसके चलते भी परीक्षा की तिथियां प्रभावित हुईं।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत जनसंख्या नियंत्रण कानून पढ़े

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत जनसंख्या नियंत्रण कानून विवाहित जोड़ों पर लागू होगा जिसमें लड़के की उम्र 21 वर्ष और लड़की की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं है। 

इस अधिनियम के लागू होने के बाद से उत्तर प्रदेश के नागरिकों को दो बच्चे ही रखना अनिवार्य होगा। 

इस अधिनियम के पारित होने से पहले आपके पास कितने बच्चे हैं उससे कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा। 

इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति दो बच्चे ही करता है, और फिर शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करता है या स्वेच्छा से नसबंदी की प्रक्रिया से गुजरता है, तो उसे अलग अलग तरह की सरकारी सुविधाओं की प्राप्ति होगी।

इस अधिनियम के अंतर्गत यदि कोई राज्य सरकार का कर्मचारी शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद दो से अधिक बच्चे करता है तो उसे उसकी नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाएगा और फिर वह व्यक्ति कभी भी राज्य सरकार की किसी भी नियुक्ति के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा। 

यदि कोई व्यक्ति इस अधिनियम के पारित होने के बाद दो से अधिक बच्चे करता है तो वह न ही कभी राज्य सरकार की किसी नियुक्ति के लिए योग्य माना जाएगा और न ही वह किसी प्रकार के चुनाव के लिए खड़ा हो सकेगा। 

इस कानून के पारित होने के बाद कोई व्यक्ति भले ही कितने बच्चे करे लेकिन उसे अपने राशन कार्ड पर सिर्फ़ चार लोगों का ही राशन मिलेगा।

योगी कैबिनेट फैसले: PPP मॉडल पर 16 जिलों में खुलेंगे मेडिकल कॉलेज, बनेगा एयरपोर्ट जानिए कहा

योगी सरकार की कैबिनेट बैठक गुरुवार को कई बड़े फैसले लिए गए। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया कि 16 जिलों में PPP मॉडल के आधार पर मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। इसके लिए जिलों के नाम भी तय हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के महत्वकांक्षी गंगा एक्सप्रेस-वे के RFQ और RFP को भी मंजूरी मिल गई है। ललितपुर में बनेगा एयरपोर्ट बनाया जाएगा क्योंकि वहां डिफेंस कॉरिडोर भी बन रहा है।
 

गंगा एक्सप्रेस-वे से जुड़े कई मामलों को भी मंजूरी:

राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि आने वाले समय में उत्तर प्रदेश को एक हजार अरब डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने में एक्सप्रेस-वे के जाल का बड़ा योगदान होगा। गंगा एक्सप्रेस-वे किसी राज्य के माध्यम से तैयार हो रहा देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस-वे होगा। उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए अब तक 92.02 प्रतिशत भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है इसके लिए निविदा दस्तावेज निकाल रहे हैं। सिंह ने कहा कि यह एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके अंदर चार पैकेज हैं हर पैकेज की लागत 5000 से लेकर 5800 करोड़ रुपए तक होगी। उनके मुताबिक निविदा की संपूर्ण प्रक्रिया 60 दिनों के अंदर पूरी की जाएगी और आज कैबिनेट में इसका संपूर्ण अनुमोदन दिया है ताकि बार-बार चीजों पर विचार न करना पड़े और इसे विकसित करने का काम तेजी से हो सके।

पीपीपी मॉडल पर होगा काम:

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निजी सार्वजनिक भागीदारी यानी पीपीपी मॉडल पर होगा। इस एक्सप्रेस-वे पर वाहनों की अधिकतम रफ्तार 120 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित की गई है। इस पर हवाई पट्टी भी रहेगी और मुख्यमंत्री ने आज कहा है कि इसके ऊपर औद्योगिक क्लस्टर कहां-कहां बनेंगे यह निर्दिष्ट कर दिया जाएगा। एक्सप्रेस-वे पर जन सुविधाओं के लिए भी नौ जगह प्रावधान किया गया है। भविष्य में इसे और बढ़ाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना पर सिविल और निर्माण की अनुमानित कुल लागत 36230 करोड़ रुपए है। सिविल निर्माण पर 19754 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। उन्होंने कहा कि इस पर 2371 करोड़ की जीएसटी भी है। यह कुल मिलाकर 22125 करोड़ हो जाता है और भूमि की खरीद के लिए 9255 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

ललितपुर मेंं हवाई अड्डा :

मंत्रिमंडल की बैठक में ललितपुर में एक हवाई अड्डा बनाने के सिलसिले में भी विभिन्न पहलुओं पर अनुमोदन दिया गया। उन्होंने कहा कि ललितपुर में राज्य का एक हवाई अड्डा तैयार किया जा रहा है जो पहले चरण में छोटे विमानों के लिए होगा और आने वाले समय में उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाया जाएगा क्योंकि वहां रक्षा गलियारा (डिफेंस कॉरीडोर) बन रहा है साथ ही वहां 'ड्रग पार्क भी तैयार हो रहा है। उन्होंने बताया इसके मद्देनजर यह हवाई अड्डा बहुत महत्वपूर्ण हो जाएगा।

शिक्षक का परिवार घर में हेलमेट पहनकर रहने को मजबूर, जानिए पूरा मामला

कानपुर शहर बर्रा के दामोदर नगर में रहने वाले परिवार में अजीब सी दहशत बैठ गई है, जिसकी वजह से पूरा परिवार घर में हेलमेट पहनकर रहने को मजबूर है। परिवार का कोई सदस्य बालकनी या छत पर जाता है तो हेलमेट पहनना नहीं भूलता है। आसपास पड़ोस में रहने वाले भी उनकी दशा देखकर दहशतजदा हैं। मामला, पुलिस तक पहुंच चुका है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकाला जा सका है।


बर्रा के दामोदर नगर में आदित्य शर्मा अपने परिवार के साथ मकान में रहते हैं, वह पेशे से शिक्षक है। उनके घर में पत्नी बच्चे और अन्य सदस्य रहते हैं। पड़ोसियों की मानें तो इन दिनों आदित्य और उनके परिवार के लोग घर के अंदर हेलमेट पहने नजर आते हैं। घर का कोई सदस्य छत पर कपड़े सुखाने या अन्य किसी काम से जाता है तो हेलमेट पहन लेता है। इतना ही नहीं बालकनी में आने पर भी आदित्य अक्सर हेलमेट पहने नजर आते हैं। घर का अन्य कोई सदस्य भी बालकनी में हेलमेट पहनकर आता है। आसपास के लोगों ने उनसे जब वजह पूछी तो वे भी हैरान रह गए और दहशत में आ गए।

दरअसल, आदित्य के घर में बीते चार दिनों से पत्थर बरस रहे हैं, उनके घर पर रुक-रुककर पत्थरबाजी हो रही है। हैरत की बात ये है कि कोई दिखाई नहीं पड़ रहा है। शिक्षक आदित्य शर्मा बताते हैं कि मंगलवार सुबह नौ बजे से उनके घर पर पत्थरबाजी शुरू हुई। हर चार पांच मिनट में पत्थर घर पर आकर गिरता है, कभी कभी तो एक साथ कई पत्थर बरस रहे हैं। पथराव से घर के सभी शीशे की खिड़कियां टूट गईं। आदित्य ने बताया, वह काफी देर तक सिर पर हेलमेट लगाकर निगरानी करते रहे लेकिन पत्थर कहां से आ रहे हैं, ये दिखाई नहीं पड़ा।

पुलिस के सामने भी आते रहे पत्थर

इस बारे में आदित्य ने पुलिस को सूचना दी थी। इसपर पुलिस कर्मी घर आए तो उनकी मौजूदगी में भी पत्थर आते रहे। पुलिस ने पड़ताल की लेकिन पत्थर कहां से आ रहे हैं या कौन बरसा रहा है इसका पता नहीं कर पाए और वापस चले गए। आदित्य के मुताबिक पुलिस ने उनकी तहरीर नहीं ली है और कोई कार्रवाई भी नहीं की है। घर पर पत्थर बरसने से उनका परिवार दहशत है और अपनी सुरक्षा खुद करने काे मजबूर हैं। वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि कोई असमाजिक तत्व दूर से गुलेल से इस तरह की हरकत कर रहा है।

किशोर-किशोरियो के मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा तथा कानूनी जागरूकता पर आधारित विषय पर एस0आर0जी0 के सदस्यो की क्षमता सम्बर्द्धन हेतु प्रशिक्षण के सम्बन्ध में

किशोर-किशोरियो के मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा सुरक्षा तथा कानूनी जागरूकता पर आधारित Child protection Mental Health and Psychosocial care विषय पर एस0आर0जी0 के सदस्यो की क्षमता सम्बर्द्धन हेतु प्रशिक्षण के सम्बन्ध में






फर्जी डिग्री से नौकरी लेने के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

प्रयागराज: फर्जी डिग्री से नौकरी लेने के एक मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति स्वयं की गलती का लाभ नहीं ले सकता. बिना कानूनी अधिकार के किसी ने मिलीभगत व फ्राड से नियुक्ति लेकर वेतन लिया है तो उसे वापस करना चाहिए. अन्यथा यह गलत तरीके से धनवान बनना होगा. कोर्ट ने कहा फर्जी प्रमाणपत्र से नौकरी प्राप्त करने वाला वेतन की वसूली के खिलाफ अनुच्छेद 226 में साम्या (इक्विटी) न्याय की मांग नहीं कर सकता. ऐसी वसूली कार्यवाही को मनमाना भी नहीं कहा जा सकता.



हाईकोर्ट ने कौशांबी की फर्जी टी ई टी प्रमाणपत्र से नियुक्त सहायक अध्यापिका की नियुक्ति निरस्त कर वेतन वसूली नोटिस पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने याची की याचिका खारिज कर दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति एस पी केसरवानी तथा न्यायमूर्ति आर एन तिलहरी की खंडपीठ ने मालती देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है.

मालूम हो कि याची ने फर्जी टी ई टी प्रमाणपत्र से नियुक्ति प्राप्त की. जब इसकी जानकारी विभाग को हुई तो नियुक्ति निरस्त कर दी गई. जिसे चुनौती दी तो हाईकोर्ट ने आदेश पर रोक लगा दी. याची ने वेतन लिया. 10 जुलाई 2020 को नोटिस जारी किया गया कि गलत तरीके से लिया गया वेतन वापस करे. इस फैसले को भी चुनौती दी गई. याची का कहना था कि आदेश पर रोक लगा है. इसलिए वसूली नहीं की जा सकती है.

सरकार की तरफ से बताया गया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रमाणपत्र जारी नहीं किया है. सत्यापन रिपोर्ट पर याची ने भी आपत्ति नहीं की. याची ने कहा आगरा विश्वविद्यालय की फर्जी बी एड डिग्री मामले में वसूली पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है. इसलिए उससे भी वसूला न जाय.

यूपी कैबिनेट के फैसले: जानिए किन किन प्रस्तावों पर लगी मुहर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। बैठक में गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना के बिड डॉक्यूमेंट को मंजूरी दी गई है। बैठक में एक्सप्रेव वे के आरएफपी व आरएफक्यू डॉक्यूमेंट पर सहमति की मुहर लगाई है।

बैठक में ललित पुर में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने पर मंजूरी मिली है। बैठक में गुरुवार को दो प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है जिनकी चर्चा कैबिनेट मंत्री सिद्घार्थनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में की।


बता दें कि गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण मेरठ से प्रयागराज तक होना है। इस परियोजना की लंबाई 594 किमी है। इस योजना से मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ और प्रयागराज को सीधा लाभ होगा।

यह एक्सप्रेस वे छह लेन चौड़ा होगा जिसे आठ लेन तक बढ़ाया जा सकेगा। एक्सप्रेस वे के राइट ऑफ वे की चौड़ाई 130 मीटर प्रस्तावित है। इसके एक ओर 3.75 मीटर चौड़ाई की सर्विस रोड स्टैगर्ड रूप में बनाई जाएगी जिससे परियोजना के आसपास के गांव के निवासियों को सुगम आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो सके।

परियोजना से लाभ

एक्सप्रेस वे के निर्माण से प्रवेश नियंत्रित होने से वाहनों के ईंधन खपत में महत्वपूर्ण बचत, समय की बचत और पर्यावरणीय प्रदूषण का नियंत्रण भी संभव हो सकेगा।

परियोजना से आच्छादित क्षेत्रों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास के साथ ही कृषि, वाणिज्य, पर्यटन और उद्योगों की आय को बढ़ावा मिलेगा।

एक्सप्रेसवे से आच्छादित क्षेत्रों में स्थित विभिन्न उत्पादन ईकाइयों, विकास केंद्रों और कृषि उत्पादन क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने हेतु एक औद्योगिक कॉरिडोर के रूप में सहायक होगा।

एक्सप्रेसवे के निकट इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे।

एक्सप्रेसवे खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों, भंडारण गृह, मंडी और दुग्ध आधारित उद्योगों की स्थापना हेतु एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा।

➡योगी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में 9 प्रस्ताव पास

➡कैबिनेट मीटिंग में 9 अहम प्रस्ताव को मंजूरी

➡गंगा एक्सप्रेस-वे के RFQ और RFP को मंजूरी

➡16 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी

➡PPP मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खोलने को मंजूरी।


पांच लाख रिक्त पदों को भरने, हर युवा को रोजगार की गारंटी और बेरोजगारी भत्ता, कहा गए सरकार के वादे

प्रयागराज: पांच लाख रिक्त पदों को भरने, हर युवा को रोजगार की गारंटी और रोजगार न मिलने तक बेरोजगारी भत्ता दिए जाने की मांग को लेकर युवा मंच ने रोजगार आंदोलन शुरू किया। सुबह 11 बजे बालसन चौराहे पर धरना शुरू


हुआ तो पुलिस बल तैनात कर धरना-प्रदर्शन पर रोक लगा दी। जिद्दोजहद के बाद अनुमति मिलने पर सिविल लाइंस में धरना स्थल पर धरना दिया गया। रिक्त पदों पर विज्ञापन व रोजगार पर उचित समाधान होने तक धरना जारी रखने का एलान किया गया। आंदोलन का नेतृत्व युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, ईशान, इंजी. राम बहादुर पटेल ने किया। युवा मंच पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी चरम पर है।